खुफिया रिपोर्ट में दावा:चीनी सेना में पाक फौजी अफसरों की गुप्त तैनाती, लद्दाख-तिब्बत में PLA की मदद कर रहे
चीनी सेना में पाक फौजी अफसरों की गुप्त तैनाती, लद्दाख-तिब्बत में PLA की मदद कर रहे
चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी या PLA) के वेस्टर्न और सदर्न कमांड में पाकिस्तान के फौजी अफसरान तैनात किए गए हैं। वेस्टर्न कमांड लद्दाख जबकि सदर्न कमांड तिब्बत के इलाकों में तैनात है। भारत के रक्षा मंत्रालय और सेना की इन मामलों पर पैनी नजर है।
हेडक्वॉर्टर में तैनाती
न्यूज 18 ने खुफिया रिपोर्ट्स के हवाले से चीन और पाकिस्तान की इन हरकतों के बारे में जानकारी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के फौजी अफसरों को इन दोनों कमांड्स के हेडक्वॉर्टर में पोस्टिंग दी गई है। चीन ने पिछले महीने जनरल वांग हेजियांग को वेस्टर्न थिएटर कमांड की जिम्मेदारी सौंपी है।
खास बात यह है कि एक तरफ तो चीन इस इलाके से सैनिकों को हटाने की बात कर रहा है, दूसरी तरफ लद्दाख में दूसरे रास्ते से फौज और हथियारों की तैनाती बढ़ा रहा है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी इसकी पुष्टि की थी।
सदर्न थिएटर कमांड भी अहम
सदर्न थिएटर कमांड के पास तिब्बत के अलावा चीन के स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन्स जैसे हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ की भी जिम्मेदारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, PLA की वेस्टर्न और सदर्न कमांड में पाकिस्तान के कुछ कर्नल रैंक के अफसरों को भेजा गया था। इनको कॉम्बेट प्लानिंग, ट्रेनिंग और स्ट्रैटेजी का जिम्मा सौंपा गया है।
जानकारी के मुताबिक, करीब 10 पाकिस्तानी फौजी अफसर बीजिंग स्थित चीन एम्बेसी में भी तैनात हैं। इनको अलग काम सौंपा गया है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि कुल मिलाकर कितने पाक आर्मी अफसर इस वक्त चीन में मौजूद हैं।
CPEC के लिए अलग फोर्स
पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ ने 2016 में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें कहा गया था कि चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की सुरक्षा के लिए कुल 15 हजार सैनिकों की अलग यूनिट तैयार की गई है। हालांकि, पाकिस्तान की हालिया मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि CPEC का काम दो साल से करीब-करीब बंद है।
भारत की पैनी नजर
चीन और पाकिस्तान की इन हरकतों पर भारत का विदेश और रक्षा मंत्रालय गहन नजर रख रहा है। एक अफसर ने कहा- पाकिस्तानी फौज CPEC और चीनी नागरिकों को लगातार सुरक्षा दे रही है। इससे दोनों देशों की फौज को काम करने में आसानी होती है।