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हिन्दू त्योहार, जश्न में हाथ बंटाता है मुस्लिम परिवार:इस बार दरेसी ग्राउंड में खड़े होंगे पंजाब के सबसे ऊंचे 100 फीट के लंकापति; बनाने में 2 से 10 लाख रुपए आता है खर्चा

आगरा का मुस्लिम परिवार धर्म जात से ऊपर उठकर लुधियाना में हिंदू समाज के त्योहार दशहरे के लिए रावण के पुतले बना रहा है। वहीं पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से शहर में दशहरे की धूम नहीं थी। मगर इस बार पूरे जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। दरेसी के दशहरा ग्राउंड में दशकों से दशहरा मेला लग रहा है। इस बार यहां 100 फीट का रावण बनाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह रावण पंजाब का सबसे बड़ा रावण होगा। इसमें विशेष आतिशबाजी का प्रबंध भी किया गया है। इस बार का दशहरा मेला काफी रोमांचित होने वाला है। क्योंकि कोरोना के बुरे प्रभाव से लोग निकल रहे हैं और दो साल से फीके रहे त्योहार को बढ़ चढ़कर मनाना चाहते हैं।आगरा का मुस्लिम परिवार धर्म जात से ऊपर उठकर लुधियाना में हिंदू समाज के त्योहार दशहरे के लिए रावण के पुतले बना रहा है। वहीं पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से शहर में दशहरे की धूम नहीं थी। मगर इस बार पूरे जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। दरेसी के दशहरा ग्राउंड में दशकों से दशहरा मेला लग रहा है। इस बार यहां 100 फीट का रावण बनाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह रावण पंजाब का सबसे बड़ा रावण होगा। इसमें विशेष आतिशबाजी का प्रबंध भी किया गया है। इस बार का दशहरा मेला काफी रोमांचित होने वाला है। क्योंकि कोरोना के बुरे प्रभाव से लोग निकल रहे हैं और दो साल से फीके रहे त्योहार को बढ़ चढ़कर मनाना चाहते हैं।

14 साल से लुधियाना आकर बना रहे पुतला

आगरा से आए अकील खान बताते हैं कि वह 14 साल से लुधियाना आ रहे हैं। उनका पूरा परिवार यहां आता है और रावण बनाने का काम करता है। उनका बनाया पुतला ही शहर में सबसे बड़े दशहरा पर्व दरेसी ग्राउंड में जलाया जाता है। इसके अलावा उनका परिवार उपकार नगर, जनपथ इस्कॉन मंदिर, दरेसी, गौ धाम, राजुगरू नगर में भी बुत बना रहा है। अकील खान का कहना है कि वह पेशे से दर्जी हैं और दशहरे के समय ही रावण बनाने का काम करते हैं। उनके 5 से 5 परिवार पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर रावण के बुत बनाने का काम करते हैं। इससे उन्हें पैसे तो बचते ही हैं। साथ में हिंदू समाज से जो प्यार मिलता है, उसे बयां नहीं किया जा सकता.

दो माह का समय लगता है रावण बनाने में

अकील खान बताते हैं कि रावण को बनाने में दो माह का समय लगता है। एक माह वह घर पर इसकी तैयारी करते हैं। पुतला बनाने का ऑर्डर दशहरे से तीन-चार माह पहले ही आ जाते हैं। उसी हिसाब से कागज की कटिंग घर पर की जाती है और वहीं से कागज का ढांचा तैयार करके यहां लाया जाता है। फिर एक माह का समय यहां लग जाता है, इसे बनाने में। यह काम बेहद तकनीकी होता है और दिन रात मेहनत करनी पड़ती है।

2 से 10 लाख तक खर्च करते हैं पंजाबी

पंजाब के लोग दशहरे मेले पर रावण पर बेहद पैसा खर्च करते हैं। कहा जाता है कि एक रावण पर 2 से 10 लाख रुपए खर्च किया जाता है। रावण का कद, पटाखों की मात्रा और वजन इसमें देखा जाता है। पहले अलग-अलग जगह से यह काम करवाने पड़ते थे। मगर अब एक ही परिवार सारा काम कर देता है। अकील खान के जीजा का ही पटाखों का काम है और वही रावण में पटाखे लगा देते हैं।

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