1 साल से दिल्ली मोर्चे पर डटे बलविंदर को किसान मोर्चे ने किया सम्मानित
- दोनों टांगों से हैडीकैंप्ड बलविंदर सिंह युवकों के लिए बने रहे प्रेरणास्रोत
केंद्र सरकार के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर पिछले 1 साल से चल रहे धरने में जिले के गांव सुखपुरा के किसान बलविंदर सिंह को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सम्मानित किया गया। बलविंदर सिंह पिछले एक साल से घर वापस नहीं आए हैं। गांव में मोर्चे पर जाने से पहले बलविंदर सिंह कह कर गए थे कि अब कानून वापसी पर ही वह घर आएंगे नहीं तो कभी भी घर नहीं आएंगे। बलविंदर सिंह हैंडीकैप्ड हैं और पूरे संघर्ष के दौरान नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहे।
उनके भतीजे डॉक्टर सुरजीत मान ने बताया कि उन्होंने संयुक्त मोर्चा की तरफ से उनके चाचा बलविंदर सिंह को सम्मानित किए जाने के फोटो संयुक्त किसान मोर्चा की सोशल मीडिया साइट पर देखे। यह पूरे गांव के लिए व जिले के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि उनके चाचा 8 एकड़ जमीन के मालिक हैं। कोरोना महामारी के दौरान वह कभी भी घर से बाहर नहीं निकले थे। लगभग 7 महीने तक वह घर के अंदर ही रहे लेकिन कृषि कानूनों के खिलाफ जब संघर्ष शुरू हुआ तो उनमें इतना जोश भर गया कि उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला किया। दोनों टांगों से चलने में असमर्थ होने के कारण वह सहारे से चलते हैं और पारिवारिक सदस्यों ने उन्हें मोर्चे से जल्दी वापस आने की निवेदन भी किया था। उन्होंने कहा था कि यह लड़ाई किसी की निजी लड़ाई नहीं है। आने वाली पीढ़ियों के लिए अब हमें लड़ना होगा और साथ ही उन्होंने कहा था कि कृषि कानून अगर वापस होंगे तो ही वह वापस आएंगे। सम्मान पाने वाले बलविंदर सिंह ने कहा कि कई बार ऐसा दौर आया जब किसानों को लगा कि कृषि कानून सरकार कभी वापस नहीं लेगी। अगर कोई युवक वहां निराश हो जाते तो वह उन्हें हौसला बढ़ाते थे लेकिन उनका संघर्ष रंग लाया और सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए।