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इंटरनेट के सेक्टर में महारथी:अंबानी और एयरटेल को टक्कर देने की योजना, एलन मस्क और जेफ बेजोस भारत में ब्रॉडबैंड की तैयारी में

दुनिया के दो सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क और जेफ बेजोस एयरटेल के सुनील मित्तल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी को टक्कर देने के लिए तैयार हैं। चारों के बीच यह लड़ाई हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और इंटरनेट के सेक्टर में होगी। मस्क और बेजोस ने सेटेलाइट-आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी की सर्विस ऑफर करने के लिए अलग-अलग योजनाओं के साथ भारत सरकार से संपर्क किया है।

टेलीकॉम मंत्रालय के साथ किया संपर्क
सूत्रों ने कहा कि एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की स्टारलिंक और जेफ बेजोस की अमेजन ने भारत में सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए टेलीकॉम मंत्रालय के साथ-साथ अंतरिक्ष विभाग (स्पेस) के साथ संपर्क किया है। हालांकि दोनों ने अभी तक लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया है। टेलीकॉम विभाग के एक सूत्र ने कहा कि इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हमारे साथ चर्चा की है।

संकेत दिया है कि वे सेटेलाइट का उपयोग करके भारत में इंटरनेट सेवाएं शुरू करना चाहते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वे जल्द ही लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे।

वनवेब कंपनी में सुनील मित्तल की हिस्सेदारी
वनवेब कंपनी में सुनील मित्तल की भारती ग्लोबल की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। इसमें यूके सरकार भी साझेदार है। इस कंपनी ने अगले साल तक भारत के अलावा विश्व के अन्य देशों में भी सेटेलाइट आधारित सेवाओं को लॉन्च करने की योजना की घोषणा की है। वनवेब को टेलीकॉम विभाग से नेशनल लॉंग डिस्टेन्स (NLD) का लाइसेंस भी प्राप्त हुआ है।

इन कंपनियों की योजना लो अर्थ ऑर्बिट (LEO), जो पृथ्वी से लगभग 1,000 किमी की दूरी पर तैनात होते हैं, जैसे सेटेलाइट के माध्यम से बैंडविड्थ के बड़े पैमाने पर ऑफर करने की है। इससे 1 गीगाबाइट प्रति सेकंड या इससे अधिक स्पीड की सर्विस दी जा सकती है।

बैंडविड्थ को यूजर्स और ग्राहकों को बेचा जाएगा
इन बैंडविड्थ को अलग-अलग यूजर्स और ग्राहकों को बेचा जाएगा। इसमें बिजनेस इंटरप्राइज़, रेलवे, शिपिंग कंपनियां, एयरलाइंस और टेलीकॉम कंपनियां शामिल होंगी। इस प्रकार सीधे एयरटेल और जियो के साथ यह दोनों विदेशी कंपनियां प्रतिस्पर्धा करेंगी। साथ ही, इन सेवाओं का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में भी होगी। इसके साथ-साथ रेगिस्तान और पहाड़ी क्षेत्रों जैसे कठिन इलाकों तक इसे पहुंचाया जाएगा। नक्सलियों और अन्य संवेदनशील स्थानों से प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

लाइसेंस शर्तों का पालन करना होगा
टेलीकॉम विभाग के सूत्रों ने कहा कि लाइसेंस शर्तों के अनुसार इन कंपनियों को कानूनी इंटरसेप्शन और अन्य सुरक्षा आवश्यकताओं सहित सभी जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। मस्क ने कहा है कि उनकी कंपनी स्टारलिंक के माध्यम से भारत के ब्रॉडबैंड सेक्टर में आने की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक यूजर से कहा वे भारत में अभी रेगुलेटरी अप्रूवल की प्रक्रिया का पता लगा रहे हैं।

टेस्ला की कंपनी ने कंट्री डायरेक्टर नियुक्त किया
स्टारलिंक ने अपने एक कर्मचारी को भारत में कंट्री डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है। शुक्रवार से कंपनी में शामिल होने वाले भार्गव ने कुछ दिन पहले अपने लिंक्डइन पेज पर पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मैं 1 अक्टूबर, 2021 से भारत के स्टारलिंक कंट्री डायरेक्टर के रूप में शामिल होने को लेकर बहुत उत्साहित हूँ। 2004 से भारत में हूँ। स्टारलिंक और मेरा एक ही कॉमन पैशन है कि दोनों भारत का कायाकल्प करें और शुरुआत ग्रामीण हिस्से से करें।

अमेजन भी सेटेलाइट इंटरनेट की तैयारी में
इसके अलावा, भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर अमेजन भी देश में सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा में कदम रखना चाहती है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी को लगता है कि हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड भारत में एक बड़ा बाजार है। इससे ज्यादा ऑनलाइन ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। यह इसके रिटेल बिजनेस के लिए एक बूस्टर भी साबित हो सकता है। अमेजन पूरे विश्व को कवर करने के लिए लो अर्थ ऑर्बिट सेटेलाइट को लॉन्च करने में लगा हुआ है।

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